शनिवार, 2 मार्च 2019

भारत और पाकिस्तान का मीडिया मैनेजमेंट

पुलवामा से लेकर आज की स्थिति में कई बातें साफ़ हुई

  1. पाकिस्तान का मीडिया मैनेजमेंट भारत से कहीं ज़्यादा बेहतर है, कारगिल में अपनी सेना के दख़ल को ग्यारह साल तक नकारने वाला पाकिस्तान इस बार भी साफ़ खेल गया - वैश्विक मीडिया सरकार के आधिकारिक बयान को तरजीह देती है और इस एयर स्ट्राइक के बाद की पाकिस्तानी सरकार की मजबूरी वाली स्थिति को भी वह बचाने में सफल हुए और हाँ इस बार भी उनकी प्रतिक्रिया ठीक कारगिल वाली है। भले ही यह झूठ बोलेंगे लेकिन फिर भी वैश्विक मीडिया उनकी आधिकारिक लाइन पर बनी रहेगी
  2. पाकिस्तान एक असभ्य देश है और वह सैनिकों का सम्मान भी नहीं करता: उस मुल्क से आप कोई उम्मीद कैसे कर सकते हैं जो पहले तो कारगिल युद्ध में अपने सैनिकों की मौजूदगी से इंकार कर देता है और ग्यारह साल बाद एकदम चुप चाप से अपनी मौजूदगी को स्वीकार करता है और अपने ऑफ़िसरों, सैनिकों को वीरता पदक देता है। आज भी स्थिति वैसी ही है और जब असभ्य भीड़ अपने ही एयर मार्शल के विंग कमांडर बेटे को पीट-पीटकर मार डालता है, पाकिस्तान इस ख़बर को छिपाने और लीपापोती में लग जाता है! वहीं दूसरी तरफ़ मैं यक़ीन से कह सकता हूँ कि यदि पाकिस्तान की तरफ से F-16 उड़ाने वाले विंग कमांडर शहाज़ुद्दीन अगर भारत में गिरते तो शायद बच जाते। बहरहाल इसके बाद भी सिर्फ़ अपने सफल मीडिया मैनेजमेंट के कारण पाकिस्तान वैश्विक मीडिया में इस बात को छिपाने सफल हुआ।
  3. आतंक का ठिकाना अभी भी बरक़रार: दो चार महीने बाद जैश--मोहम्मद कोई नए नाम से नया संगठन बनाए लेगा और फिर भी कोई ख़ास बदलाव नहीं होंगे
  4. भारत का मीडिया बातूनी, शोर-शराबे वाला और ख़ुद को महान दिखाने के चक्कर में देश हित को ताक पर रख देता है, इसे यदि नियंत्रित किया गया तो देश की क्षवि को तार तार करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा
  5. भारत के बुद्धिजीवी: जो सरकार पर विश्वास नहीं करते, सेना पर विश्वास नहीं करते, लेकिन दुश्मन देश के चैनलों, सरकारों पर तुरंत विश्वास कर लेते हैं 
  6. भारत के विपक्ष के नेता: जो ऐसे समय पर भी राजनीति से ऊपर नहीं पाते और वैश्विक मीडिया का हवाला देकर अपनी सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर देते हैं - उनका ऐसा करना दुश्मन देश की सरकार के लिए फ़ायदेमंद होता है


और हाँ एक और बात - कम याददाश्त वाला भारत कल झंडे लेकर अभिनंदन के स्वागत में खड़ा था और अब वही विपक्ष के नेताओं के सुर में सुर मिलाकर सरकार और सेना को कटघरे में खड़ा करेगा

कोई टिप्पणी नहीं: